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बार रिश्वतखोरी कांड में आरोपी केरल के वित्त मंत्री केएम मणि में मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सत्ताधारी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की ओर से दबाव
बढ़ने के बाद मणि ने अपने पद से इस्तीफा दिया। मणि ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है जब सोमवार को ही केरल हाई कोर्ट ने एक सतर्कता अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें मणि के खिलाफ आगे की जांच के
निर्देश दिए गए थे। पहले इस्तीफा देने से आनाकानी कर रहे मणि को आखिरकार सरकार की अगुवाई कर रही कांग्रेस के दबाव में झुकना पड़ा। कांग्रेस का रुख था कि मणि को इस्तीफा जरूर देना चाहिए। कानून
मंत्री का भी पद संभाल रहे 82 साल के मणि ने अपनी पार्टी के सहकर्मियों से पूरे दिन विचार-विमर्श करने के बाद पत्रकारों से कहा कि वह न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और इसलिए मंत्री पद से इस्तीफा
देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की यूडीएफ सरकार को उनकी पार्टी समर्थन देती रहेगी। उन्होंने कहा कि एक कानून मंत्री के तौर पर न्यायपालिका के प्रति अपना सम्मान एवं आदर व्यक्त करने के लिए
मैं इस्तीफा दे रहा हूं। बहरहाल, मणि का इस्तीफा स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि मणि का फैसला उनका अपना था और न तो कांग्रेस, न ही यूडीएफ ने उन पर ऐसा करने का दबाव बनाया। चांडी
ने कहा कि हाई कोर्ट ने बार रिश्वतखोरी मामले में मणि को दोषी करार नहीं दिया है, लेकिन उच्च राजनीतिक एवं लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखने के लिए मणि ने इस्तीफे का फैसला किया।