Play all audios:
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के समय आरोपित के कपड़े पर खून के धब्बे मिले थे। आरोपित रोहित सहनी घटना के वक्त पहने कपड़े के साथ ही गिरफ्तार हुआ था। बच्ची और आरोपित के कपड़ों पर लगे खून
के धब्बे के डीएनए का भी मिलान कराया जाएगा। Nishant Nandan हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, मुजफ्फरपुरThu, 5 June 2025 07:51 AM Share Follow Us on __ मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी दुष्कर्म व
हत्याकांड में पीड़िता बच्ची के जब्त कपड़े, घटनास्थल से जब्त खून के नमूने, आरोपित के जब्त कपड़े आदि प्रदर्शों की जांच पटना एफएसएल ने शुरू कर दी है। उधर, कार्रवाई की पटना मुख्यालय से हर दिन की
रिपोर्ट ली जा रही है। कांड की आईओ अंजलि कुमारी ने मुजफ्फरपुर विशेष पॉक्सो कोर्ट में प्रदर्शों को प्रस्तुत करने के बाद अनुमति लेकर पटना एफएसएल में प्रदर्शों को सौंप दिया है। एसएसपी सुशील
कुमार ने एफएसएल निदेशक से प्रदर्शों की जांच का आग्रह किया है, ताकि कम समय में चार्जशीट दाखिल कर स्पीडी ट्रायल चलवाया जा सके। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारी के समय आरोपित के कपड़े पर खून
के धब्बे मिले थे। आरोपित रोहित सहनी घटना के वक्त पहने कपड़े के साथ ही गिरफ्तार हुआ था। बच्ची और आरोपित के कपड़ों पर लगे खून के धब्बे के डीएनए का भी मिलान कराया जाएगा। कोर्ट में यह वैज्ञानिक
साक्ष्य के तौर पर पेश होगा। इससे स्थापित होगा कि आरोपित ने ही बच्ची का गला रेता था, जिसकी वजह से कपड़े पर खून मिले। ये भी पढ़ें:मुजफ्फरपुर की रेप पीड़िता की पीएमसीएच में मौत, कांग्रेस ने
किया हंगामा पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले में जब्त हुए स्वाब आदि की भी प्रथम प्राथमिकता के आधार पर जांच कराई जा रही है। इस कांड में त्वरित फैसला होगा। एक से डेढ़ माह के अंदर स्पीडी ट्रायल
पूरा किया जाएगा। इसके लिए पुलिस की ओर से पूरी तैयारी की गई है। पुलिस ने कोर्ट को भी मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता से अवगत कराया गया है। जांच टीम स्वास्थ्य विभाग को जल्द सौंपेगी रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर में नाबालिग के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाद उसके इलाज में हुई लापरवाही मामले की जांच को गठित पदाधिकारियों की टीम जल्द ही रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी। दो-दो पदाधिकारियों
की अलग-अलग टीम ने पीएमसीएच और एसकेएमसीएच में जाकर विस्तृत जांच की है। विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि जांच रिपोर्ट के बाद इस मामले में दोषी पाये जाने पर कुछ और पर भी कार्रवाई हो सकती है।
प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये एसकेएमसीएच की अधीक्षक और पीएमसीएच के प्रभारी उपाधीक्षक पर पहले की कार्रवाई कर दी गई है। ये भी पढ़ें:दलित बच्ची का रेप और मौत को चिराग ने सिस्टम फेलियर बताया, नीतीश
को लिखा पत्र रेफरल पॉलिसी का पालन नहीं करने और प्रशासनिक लापरवाही पर उक्त कार्रवाई हुई है। मालूम हो कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के निर्देश पर विभाग के निदेशक प्रमुख (प्रशासन) डॉ. राम
नारायण चौधरी, निदेशक प्रमुख (नर्सिंग) डॉ. प्रमोद कुमार सिंह और निदेशक प्रमुख (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच टीम गठित है। ये भी पढ़ें:सीमांचल में भारी बारिश की
चेतावनी, इन जिलों में वज्रपात; आगे कैसा रहेगा मौसम