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हाल ही में इंग्लैंड के मुश्किल टेस्ट दौरे के लिए मुरली विजय की जगह 18 साल के उभरते हुए बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को शामिल किया गया। लंबे वक्त से सचिन तेंदुलकर पृथ्वी शॉ को टीम में मौका दिए जाने की
पैरवी... __ हाल ही में इंग्लैंड के मुश्किल टेस्ट दौरे के लिए मुरली विजय की जगह 18 साल के उभरते हुए बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को शामिल किया गया। लंबे वक्त से सचिन तेंदुलकर पृथ्वी शॉ को टीम में मौका
दिए जाने की पैरवी करते आए हैं। अब सचिन ने इंग्लैंड में खेलने से पहले इस युवा बल्लेबाज को एक बेहद जरूरी सलाह दी है और उसे कभी नहीं भूलने पर भी जोर दिया है। 'कभी अपनी ग्रिप या स्टांस मत
बदलना' बता दें कि तेंदुलकर ने पृथ्वी की प्रतिभा को आठ साल की उम्र में ही पहचान लिया था और उन्होंने उसे कहा था कि कोई कोच उसकी नैचुरल तकनीक को नहीं बदले। तेंदुलकर ने अब अपने एप
'100 एमबी' पर कहा, ''मैंने उसे कहा था कि भविष्य में उसके कोच उसे जितने भी निर्देश दें, वह अपनी ग्रिप या स्टांस नहीं बदले। अगर कोई तुम्हें ऐसा करने के लिए कहे तो उसे कहना
कि वह मेरे से बात करे। कोचिंग देना अच्छा होता है लेकिन किसी खिलाड़ी में अत्याधिक बदलाव करना नहीं।" 10 साल पहले सचिन ने पृथ्वी के टैलेंट को भांप लिया पूर्व महान बल्लेबाज सचिन ने कहा,
''यह बेहद महत्वपूर्ण है कि जब आप ऐसे विशेष खिलाड़ी को देखें तो कुछ बदलाव नहीं करें। यह भगवान का तोहफा है।" पृथ्वी को इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम दो टेस्ट के लिए भारतीय टीम में
शामिल किया गया है। तेंदुलकर को खुशी है कि उन्होंने पहली बार आठ साल की उम्र में उसे बल्लेबाजी करते देखकर उसके अंदर की प्रतिभा को भांप लिया था। तेंदुलकर ने कहा, ''लगभग 10 साल पहले
मेरे एक मित्र ने मुझे युवा पृथ्वी को खेलते हुए देखने को कहा। उसने मुझे कहा कि मैं उसके खेल का आंकलन करूं और उसे कुछ सलाह दूं। मैंने उसके साथ सत्र में हिस्सा लिया और खेल में सुधार के लिए कुछ
चीजें बताई।"