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गुजरात सरकार पाकिस्तान बॉर्डर के पास ‘ऑपरेशन सिंदूर’ मेमोरियल पार्क बनाने जा रही है। इस मेमोरियल पार्क को ‘सिंदूर वन’ कहा जाएगा, जो भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कच्छ जिले में बनेगा, जो लगभग डेढ़
साल में पूरा होने की उम्मीद है। गुजरात सरकार पाकिस्तान बॉर्डर के पास ‘ऑपरेशन सिंदूर’ मेमोरियल पार्क बनाने जा रही है। इस मेमोरियल पार्क को ‘सिंदूर वन’ कहा जाएगा, जो भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर
कच्छ जिले में बनेगा। अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए जमीन पर शुरुआती काम शुरू हो गया है। यह मेमोरियल पार्क के लगभग डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार,
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात सरकार ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित एक मेमोरियल पार्क बनाने पर काम कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के प्रति भारत की सैन्य प्रतिक्रिया और रक्षा
बलों के प्रति सम्मान के साथ राष्ट्र द्वारा प्रदर्शित एकता का प्रतीक है। सिंदूर वन में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों के लिए भी एक क्षेत्र समर्पित किया जाएगा। पहलगाम में
मारे गए 26 लोगों में से तीन गुजरात के रहने वाले थे। कच्छ के कलेक्टर आनंद पटेल ने बताया, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान समाज, सेना, वायु सेना, बीएसएफ और अन्य बलों द्वारा एकता प्रदर्शित करने की
याद में वन विभाग द्वारा सिंदूर वन नाम से एक मेमोरियल पार्क बनाने की योजना बनाई जा रही है।'' यह सिंदूर वन भुज-मांडवी रोड पर मिर्जापुर में वन विभाग की 8 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जाएगा।
कलेक्टर ने बताया कि इसमें वह इलाका भी शामिल है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद 26 मई को गुजरात की अपनी पहली यात्रा के दौरान एक जनसभा की थी। जहां 1971 के युद्ध के
दौरान भुज एयर बेस रनवे को 72 घंटों के भीतर ठीक करने में मदद करने वाली माधापार की महिलाओं ने पीएम मोदी को ‘सिंदूर का पौधा’ भेंट किया था। अपने संबोधन में मोदी ने कहा था कि वह इस पौधे को
प्रधानमंत्री आवास ले जाएंगे, जहां यह एक ‘वटवृक्ष’ बन जाएगा। प्रति हेक्टेयर 10,000 पौधे लगाने की योजना कच्छ सर्कल के चीफ फॉरेस्ट कन्जर्वेटर संदीप कुमार ने कहा कि सिंदूर वन, ऑपरेशन सिंदूर पर
आधारित थीम बेस्ड मेमोरियल पार्क होगा, जिसमें 8 हेक्टेयर जमीन पर जड़ी-बूटियां, झाड़ियां और पेड़ सहित हाई डेंसिटी वाले पौधे लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए स्थानीय पर्यावरण और मिट्टी
की स्थितियों के अनुकूल सिंदूर के पौधों के साथ लगभग 35 पौधों की प्रजातियों की पहचान की गई है। इसमें सिंदूर के पौधे प्रमुखता से लगाए जाएंगे और साथ ही इसकी दीवारों पर भित्ति चित्र भी बनाए
जाएंगे, जिन्हें बीएसएफ, सेना, वायु सेना, नौसेना जैसे विभिन्न वर्गों में विकसित किया जाएगा। संदीप कुमार ने कहा कि हमने प्रति हेक्टेयर 10,000 पौधे लगाने की योजना बनाई है, जो भुज के सबसे घने
जंगलों में से एक होगा।