सिविल जज बन वासेपुर की सबा ने पेश की मिसाल

सिविल जज बन वासेपुर की सबा ने पेश की मिसाल

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वासेपुर का नाम जेहन में आते लोग गोली-बम और गैंगवार के बारे में सोचने लगते हैं। गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म बनने के बाद वासेपुर को यह पहचान सौगात में मिली है, लेकिन वासेपुर के जब्बार कॉम्पलेक्स


में... Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादSun, 8 March 2020 02:16 AM Share Follow Us on __ वासेपुर का नाम जेहन में आते लोग गोली-बम और गैंगवार के बारे में सोचने लगते हैं। गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म बनने


के बाद वासेपुर को यह पहचान सौगात में मिली है, लेकिन वासेपुर के जब्बार कॉम्पलेक्स में रहनेवाली सबा शकील ने लोगों को वास्तविक वासेपुर साक्षात्कार कराया है। पिछले साल 30वीं बिहार न्यायिक सेवा


परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली सबा वासेपुर की अन्य बेटियों के लिए मिसाल बन रही हैं। उनसे प्रेरणा लेकर कई छात्राएं लॉ कर रही हैं। वह भी सबा बनना चाहती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की


पूर्व संध्या पर हिन्दुस्तान ने सबा से बातचीत की। सब ने बताया कि उनके पिता शकील अंसारी धनबाद कोर्ट में अधिवक्ता हैं। उनके पिता न्यायिक पदाधिकारियों के प्रति बेहद ही आदर भाव रखते और चाहते थे


कि उनकी बेटी भी एक दिन न्यायिक पदाधिकारी बनें। पिता का सपना पूरा करने के लिए ग्रेजुएशन के बाद लॉ कॉलेज में दाखिला लिया। एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही न्यायिक परीक्षा की तैयारी में


जुट गई। सबा ने बताया कि 29वीं न्यायिक सेवा परीक्षा के साक्षात्कार में सफलता नहीं मिली तो सिविल जज बने उनके चचेरे भाई अफजल आलम ने उनका हौंसला बढ़ाया। उन्होंने समझाया कि कभी भी हार नहीं माननी


चाहिए।