बौने लोगों की संख्या में भारत टॉप पर, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

बौने लोगों की संख्या में भारत टॉप पर, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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Hindi NewsIndia Newsindia is at first position in number of dwarf people according to global nutrition report 2018 भारत कुपोषण के बड़े संकट का सामना कर रहा है और दुनिया में बौने या कम लंबाई


वाले लोगों की संख्या के मामले में वह शीर्ष पर है। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक ग्लोबल न्यूट्रिशियन रिपोर्ट 2018 के अनुसार,... एजेंसी नई दिल्लीThu, 29 Nov 2018 06:16 PM Share Follow Us on __


भारत कुपोषण के बड़े संकट का सामना कर रहा है और दुनिया में बौने या कम लंबाई वाले लोगों की संख्या के मामले में वह शीर्ष पर है। न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक ग्लोबल न्यूट्रिशियन रिपोर्ट 2018 के


अनुसार, भारत चार करोड़ 66 लाख बौने बच्चों के साथ दुनिया में पहले नंबर पर है। उसके बाद नाइजीरिया (1.39 करोड़) और पाकिस्तान (1.7 करोड़) है। बौनापन लंबे समय तक पर्याप्त मात्रा में पोषण युक्त


आहार ना लेने और बार-बार होने वाले संक्रमणों के कारण होता है। भारत में अपनी लंबाई के मुकाबले कम वजन वाले बच्चों की संख्या 2.55 करोड़ है जो नाइजीरिया (34 लाख) और इंडोनेशिया (33 लाख) से भी अधिक


है। लंबाई के मुकाबले कम वजन होना पांच साल तक की आयु वाले बच्चों में मृत्यु का सूचक होता है। कम वजन भोजन की कमी होने या बीमारी होने की वजह से होता है। सोनिया, मुलायम और राहुल की लोकसभा सीट


जीतने को BJP ने यूपी में बनाई ये 'रणनीति' रिपोर्ट में कहा गया है, ''कम वजन वाले दुनिया के आधे से अधिक बच्चे दक्षिण एशिया में रहते हैं। ऐसे बच्चों की आधी संख्या वाले तीन


देशों में से दो एशिया में हैं। भारत में 4.66 करोड़ और पाकिस्तान में 1.7 करोड़ बच्चे कम वजन वाले हैं। भारत उन देशों में भी शामिल है जहां दस लाख से अधिक बच्चे मोटापे का शिकार हैं। अन्य देशों


में चीन, इंडोनेशिया, भारत, मिस्र, अमेरिका, ब्राजील और पाकिस्तान हैं। मोटापे के शिकार बच्चों की अधिक संख्या उच्च-मध्यम आय वर्ग वाले देशों और सबसे कम संख्या कम आय वर्ग वाले देशों में हैं।


वयस्कों में मोटापे के मामले में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अधिक मोटी हैं। इसके विपरीत महिलाओं के मुकाबले पुरुष मधुमेह के अधिक शिकार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 141 देशों का विश्लेषण


किया गया उनमें से 88 प्रतिशत से अधिक देशों में एक से अधिक तरह का कुपोषण पाया गया।