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यमुना नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर आने पर जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया है। यमुना में वजीराबाद पुल से जामिया नगर पुल तक सात जगहों पर बोट प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां पर 37 बोट तैनात
की गई... यमुना नदी में पानी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर आने पर जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया है। यमुना में वजीराबाद पुल से जामिया नगर पुल तक सात जगहों पर बोट प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां पर 37
बोट तैनात की गई हैं। वहीं, पूर्वी दिल्ली में 10 और शाहदरा जिले में 3 जगह तंबू (टेंट) लगाकर लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। उधर, निचले स्थानों पर रह रहे लोगों को शनिवार देर रात बाहर
निकालने का काम शुरू हो गया। लोगों को इन इलाकों को खाली करने के लिए स्पष्ट रूप से कह दिया गया है, क्योंकि यहां पर कभी भी पानी घरों में आ सकता है। प्रशासन की चेतावनी के बाद लोग उस्मानपुर, गढ़ी
मेढूं, जामिया, मॉनिस्टी मार्केट और न्यू अरुणा नगर आदि इलाकों से घरों को खाली भी करने लगे हैं। इसके अलावा 24 घंटे यमुना के प्रमुख प्वाइंटों पर 250 तैराक तैनात किए गए हैं। वहीं, सभी संबंधित
विभागों के कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। सिंचाई विभाग की ओर से लगातार यमुना नदी में पानी के स्तर की निगरानी की जा रही है। शनिवार को हालात - 6 बजे सुबह यमुना ने खतरे का निशान
(204.8 मीटर) पार किया - 3 बजे दोपहर को यमुना 205.18 मीटर के निशान पर बह रही थी - 9 बजे रात यमुना का जल स्तर 205.36 मीटर पर था बचाव की तैयारी - लगातार जलस्तर की निगरानी, निचले स्थानों पर
रहने वालों के लिए अस्थायी कैंप बनाए - बोट के सहारे यमुना के बढ़ते जल स्तर पर नजर रखी जा रही है, किनारे पर रह रहे लोगों को अलर्ट किया गया बैराज का रिकॉर्ड 3 सितंबर 1978 को यमुना में 7.9 लाख
क्यूसेक पानी पहुंचने से बाढ़ आ गई थी। 16 जून 2013 को सबसे अधिक 8.6 लाख क्यूसेक पानी का रिकॉर्ड हथिनीकुंड बैराज पर दर्ज हुआ था। हथिनीकुंड में लगातार बढ़ रहा जल स्तर हथिनीकुंड बैराज पर सुबह 7
बजे जलस्तर 1 लाख 81 हजार क्यूसेक था, जो 12 बजे तक 3 लाख 56 हजार क्यूसेक पहुंच गया। शाम 5 बजे पानी का स्तर 5 लाख 27 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। हद लांघता यमुना का जलस्तर - सितंबर 1978 :
यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। पानी मुखर्जी नगर, निरंकारी कॉलोनी तक आ गया था। - सितंबर 1988 : जलस्तर 206.92 मीटर तक पहुंचा था। बाढ़ से 8 हजार लोग प्रभावित हुए थे। - सितंबर 1995
: जलस्तर 206.93 मीटर तक पहुंचने का कारण 15 हजार लोग प्रभावित हुए। - अगस्त 2010 : यमुना का जलस्तर 207 मीटर के पार पहुंचा था। एक हजार लोग प्रभावित हुए। हेल्पलाइन नंबर जारी दिल्ली में बाढ़ की
हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार रात आपात बैठक बुलाई। सरकार ने बाढ़ के लिए हेल्पलाइन नंबर -1077 जारी किया है। सरकार ने सेना से भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा
है। तीन मंत्रियों को अलग-अलग इलाकों में बाढ़ के हालात पर नजर रखने को कहा गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्रभावित लोगों के लिए बिजली, पानी और खाने की आपूर्ति सुनिश्चित
की जाए। 206 मीटर पर हालात खराब यमुना में सबसे खराब हालात तब होते है, जब नजफगढ़ ड्रेन से गिरने वाला पानी वापस शहर की तरफ आना शुरू हो जाता है। यह हालात जल स्तर 206.04 मीटर से ऊपर पहुंचने पर
होते हैं। इससे राजधानी के कई इलाकों में पानी भर जाता है। यहां पानी भर जाता है यमुना में बाढ़ आने पर दिल्ली के न्यू उस्मानपुर, यमुना पुस्ता, सोनिया विहार, गढ़ी मांडू, गीता कॉलोनी, मयूर विहार,
यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, बेला रोड, तिब्बती कैंप, मोनेस्ट्री, न्यू अरुणा नगर सहित कई इलाकों में पानी भरता है। झुग्गियां डूबीं यमुना के डूब क्षेत्र में जो लोग झुग्गियां डालकर रहते थे, उनकी
झुग्गियां पूरी तरह से यमुना के पानी में डूब गई हैं। इनमें रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। वहीं, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के यमुना खादर में रहने वाले लोगों का सुरक्षित
स्थान पर पहुंचना जारी है।