गुड न्‍यूज: बांस की खेती को बढ़ावा देने और स्वरोजगार से जोड़ने की तैयारी

गुड न्‍यूज: बांस की खेती को बढ़ावा देने और स्वरोजगार से जोड़ने की तैयारी

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गोरखपुर। मुख्य संवाददाता बांस से किसानों की जिंदगी में ‘हरियाली’ लाने के लिए गोरखपुर वन प्रभाग में 25 हेक्टेयर में बांस की खेती की जाएगी। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन स्वयं की... Ajay


Singh हिन्‍दुस्‍तान टीम , गोरखपुर Tue, 27 Oct 2020 09:04 PM Share Follow Us on __ गोरखपुर। मुख्य संवाददाता बांस से किसानों की जिंदगी में ‘हरियाली’ लाने के लिए गोरखपुर वन प्रभाग में 25


हेक्टेयर में बांस की खेती की जाएगी। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन स्वयं की नर्सियों में बांस के पौधे उगाएगा। इसके साथ बांस से उत्पादन बनाने के लिए लक्ष्मीपुर में बने कॉमन फैसेलिटी सेंटर


(सीएफसी) में बांस के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देकर लोगों को स्वरोजगार का अवसर भी देगा। इस योजना के अंतर्गत गोरखपुर वन प्रभाग को 43 लाख रुपये का बजट मिल गया है।  केंद्र सरकार ने बांस को घास


की श्रेणी में ला दिया है। ताकि किसानों इसे लगाने और काटने में किसी तरह के अवरोध का सामना नहीं करना पड़े। सरकार का मानना है कि बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाए तो न केवल हरियाली में इजाफा होगा


बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। डीएफओ अविनाश कुमार कहते हैं कि इस योजना से न केवल किसान लाभान्वित होंगे। बांस से उत्पाद बनाने वाले भी लाभांवित होंगे। बांस की खेती के विकास, बांस की खेती


को बढ़ाना, बांस से बनाए गए उत्पादों की मार्केटिंग और प्रमोट करना मिशन का लक्ष्य है।   इन रेंज में बनेगी नर्सियां, लगेंगे बांस के पौधे फिलहाल फरेंदा, तिलकोनिया, कैम्पियरगंज और बॉकी रेंज में


बांस की नर्सरियां बनाई जाएगी, और बांस के पौधों का रोपण किया जाएगा। इस कार्य में काफी संख्या में ग्रामीण स्तर पर लोगों को मजदूर के रूप में काम मिल सकेगा। एक बांस तैयार होने में यह 6 माह से 1


वर्ष तक का समय लेता है। इसके लिए उन्नतशील पौधे विभाग स्वयं की नर्सियों में उपजाएगा।