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आस्था और आध्यात्म की आभा से सदियों से जगमगा रही काशी अब अलग तरह की रोशनी से जगमग है। हेरिटेज पोल पर लगी फसाड लाइटें काशी की सड़कों का अद्भुत नजारा पेश कर रही हैं। इस रोशनी के बीच सड़कों पर
बिछे... आस्था और आध्यात्म की आभा से सदियों से जगमगा रही काशी अब अलग तरह की रोशनी से जगमग है। हेरिटेज पोल पर लगी फसाड लाइटें काशी की सड़कों का अद्भुत नजारा पेश कर रही हैं। इस रोशनी के बीच
सड़कों पर बिछे गुलाबी पत्थर किसी यूरोपीय शहर में होने का अहसास करा रहे हैं। काशी की यही तस्वीरें आज देश दुनिया में छा गई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल यह तस्वीरें बनारस के हृदय स्थल
गोदौलिया-दशाश्वमेध मार्ग की हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक बगल से गुजरते हुए गंगा घाट की ओर जाने वाला यह मार्ग तेजी से बदल रहा है। कभी उबड़ा खाबड़ सड़कें, बेतरतीब खड़े वाहन, गंदगी, सड़क
किनारे और कहीं-कहीं बीचोबीच खड़े खंभों पर बिजली तारों का जंजाल था। आज सबकुछ बदला-बदला है। न पुराने जर्जर खंभे हैं और न ही बिजली तारों का जंजाल है। नो व्हीकल जोन में बदल चुका यह मार्ग अब पैदल
चलने वालों को राहत देने के साथ ही काशी की विशिष्टता का अनुभव भी करा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के यहां से सांसद बनते ही बनारस में एक के बाद एक हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट शुरू हुए।
अंडरग्राउंड केबलिंग से लेकर घाटों के सुंदरीकरण, अंडरग्राउंड गैस पाइपलाइन, हृदय योजना से हेरिटेज स्थलों का सुंदरीकरण, तालाब और कुंडों के सुंदरीकरण की योजना, सड़कों की स्थिति को सुधारने का
कार्य तेजी से हुआ। गलियों को सुंदर बनाने का काम भी हो रहा है। पूरी तरह बदल रहा विश्वनाथ मंदिर के आसपास का इलाका काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के इलाके को पूरी तरह से बदला जा रहा है। मंदिर के
पूरब में गंगा बहती हैं तो पश्चिम में गोदौलिया-मैदागिन मार्ग है। दो साल पहले तक काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा के बीच करीब तीन सौ मकान थे। अब सभी को हटाकर विश्वनाथ कारिडोर बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कारिडोर को भव्य रूप देने का काम तेजी से चल रहा है। लोग गंगा स्नान कर सीधे मंदिर में आ सकेंगे। कारिडोर बनने के बाद गंगा की तरफ से आने वालों को
मंदिर की भव्यता नजर आएगी। सड़क मार्ग से आने वालों को भी भक्ति और आध्यात्म का एहसास हो इसकी भी तैयारियां हो रही हैं। मैदागिन से गोदौलिया मार्ग का सुंदरीकरण हेरिटेज के दृष्टिकोण से हो रहा है।
बनने के बाद यह सड़क पर्यटकों, श्रद्धालुओं व व्यापारियों के लिए ईज ऑफ मूवमेंट होगी। गोदौलिया-दशाश्वमेध रोड, दशाश्वमेध प्लाजा, दशाश्वमेध घाट, श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर, गंगा घाटों पर फसाड लाइट
पूरे क्षेत्र को अद्भुत सुंदरता देंगे। सड़क को कोबल स्टोन से बनाया जा रहा है। अमृत योजना के तहत नई टाउनशिप हो रही विकसित केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत देश के चुनिंदा शहरों में मॉडल
टाउनशिप बननी हैं। इसमें उत्तर प्रदेश से एक मात्र शहर वाराणसी का चयन किया गया है। रिंग रोड से एयरपोर्ट के बीच करीब 250 हेक्टेयर में होने वाले शहर के विस्तार के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण को
स्थानीय स्तर पर नोडल एजेंसी बनाया गया है, जबकि प्रोजेक्ट का पूरा कार्य शहरी विकास मंत्रालय की देखरेख में होना है। इस कार्य के सर्वे के लिए केंद्र से दो करोड़ रुपये जारी हुए हैं। संदहा से
कोईराजपुर तक तीन अलग-अलग हिस्सों में होने वाले विस्तार में आवासीय प्लाट, ग्रुप हाउसिंग, पार्क, कमर्शियल क्षेत्र, मॉल, होटल, स्टेडियम, पॉवर हाउस, स्कूल, कॉलेज के अलावा अन्य सुविधाएं भी विकसित
होंगी। हवाई अड्डे के किनारे के गांवों में एरो सिटी बनाई जाएगी, इसके लिये वीडीए का नियोजन विभाग तैयारियों में जुटा है। थीम पार्क और तालाबों का हो रहा सुंदरीकरण अमृत योजना से वीडीए के भी
पार्कों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। अमृत (अटल मिशन फॉर एंड अर्बन ट्रांसफारमेशन) के तहत शहर में करोड़ों रुपये से जहां पेयजल-सीवर का काम कराया जा रहा है। वहीं नगर निगम सात पार्कों का सुंदरीकरण
भी कर रहा है। इनका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने किया था। इन पार्कों में पाथवे, फ्लड व पोलार्ड लाइट, बेंच व कुर्सी, वाटर कूलर, बच्चों के लिए झूला और अलग-अलग किस्म के फूल लगाए जा रहे हैं। कई
मॉडल पार्क तैयार हो चुके हैं। सेल्फी थीम पर शास्त्री नगर पार्क, गुलाबबाड़ी की तर्ज पर गुलाब बाग पार्क, सौर ऊर्जा पर आधारित मच्छोदरी पार्क और शेड एंड लाइट शो की थीम पर रवींद्रपुरी पार्क का
विकास हुआ है। 10 हजार करोड़ की परियोजनाएं चल रहीं बनारस में इस समय 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। इनमें 124 परीयोजनाएं ऐसी हैं, जिनकी लागत आठ हजार करोड़ से
ज्यादा की है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर, जापान के सहयोग से नगर निगम के पास तैयार हो रहा रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर और मैटरनिटी हॉस्पिटल बीएचयू समेत कई अन्य
बड़ी योजनाएं शामिल हैं।