Chanakya niti: छात्र जीवन में सफलता के लिए आचार्य चाणक्य ने बताए हैं ये 7 रास्ते, जानिये

Chanakya niti: छात्र जीवन में सफलता के लिए आचार्य चाणक्य ने बताए हैं ये 7 रास्ते, जानिये

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आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मानव समाज के कल्याण के लिए कई सुझाव दिए हैं। उनकी नीतियों का पालन करने से व्यक्ति सफलता की बुलंदियों पर पहुंच सकता है। महान अर्थशास्त्री, महाज्ञानी और


राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य की नीतियों के ही बल पर ही एक साधारण बालक चंद्रगुप्त मौर्य ने राजपाट संभाला था। उन्होंने अपनी नीतियों से लोगों को सही जीवन जीने का सलीका सिखया है। आचार्य चाणक्य ने


छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए ऐसी सात बातें बताई हैं, जिनसे दूर रहने पर छात्र अपनी जिंदगी में किसी भी बुंलदी को छू सकते हैं। आचार्य चाणक्य के छात्रों के लिए यह 7 मंत्र आज के समय में भी


प्रासंगिक हैं। जानिये उन बातों के बारे में। क्रोध: आचार्य चाणक्य के अनुसार इंसान का क्रोध से बड़ा कोई दुश्मन नहीं होता। क्योंकि, गुस्सा आने पर व्यक्ति अपने सोचने और समझने की शक्ति को पूरी


तरह से खो देता है। इसलिए छात्रों को क्रोध से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए। कामवासना: जो छात्र अपना भविष्य बेहतर बनाना चाहते हैं, उन्हें कामवासना से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए। क्योंकि, जब


छात्र इन बातों में उलझ जाते हैं, तो वह अपनी सेहत और अध्ययन पर ध्यान नहीं दे पाते। उनका मन हमेशा भटकता रहता है। लालच या लोभ: कहते हैं ‘लालच बुरी बला है।’ लालच छात्रों के अध्ययन के रास्ते में


सबसे बड़ा बाधक माना गया है। क्योंकि लालची व्यक्ति कभी खुद से मेहनत नहीं कर पाते। वह दूसरों की चीजों पर अपनी निगाह रखते हैं। इसलिए छात्रों को हमेशा लालच से दूर रहना चाहिए। श्रृंगार: छात्रों


को श्रृंगार यानी फैशन से दूर रहना चाहिए। जो भी विद्यार्थी अपने भविष्य में कामयाब होना चाहते हैं, उन्हें सादा जीवन जीना चाहिए। क्योंकि, फैशन में रहने वाले छात्रों का मन हमेशा भटकता रहता है।


मनोरंजन: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि छात्रों के लिए जरूरत से ज्यादा मनोरंजन नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए छात्रों को सीमित मात्रा में मनोरंजन करना चाहिए और खेल कूद पर ध्यान देना चाहिए।


[embedded content] संतुलित भोजन: आचार्य चाणक्य छात्रों को सादा भोजन करने की सलाह देते हैं। क्योंकि, शिक्षा ग्रहण करने के दौरान छात्रों का जीवन तपस्वी के समान माना गया है। इसलिए उन्हें


स्वास्थ्यवर्धक और संतुलित आहार ही ग्रहण करना चाहिए। नींद: छात्रों को केवल उतनी ही नींद लेनी चाहिए, जितनी आवश्यकता है। क्योंकि, ज्यादा नींद लेने से छात्र आलस्य में पड़ जाते हैं, जो उनकी


शिक्षा में रोड़ा बन सकता है।